Bhartiya Vidya Mandir School

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बीवीएम यूएसएन ने गर्व के साथ मनाया संस्कृत दिवस « 22/Aug/2021

समस्त भाषाओं की जननी, भारतीय संस्कृति का आधार, विश्व की प्राचीनतम भाषा जिसकी उत्पत्ति लगभग 4000 साल पहले हुई जिसे देववाणी भी कहा जाता है। जिसके बोलने मात्र से कपालभाति और भ्रामरी प्राणायाम तथा कई तरह की यौगिक क्रियाएं स्वत: हो जाती हैं। अंतरिक्ष में सूचना भेजने के लिए एकमात्र उपयुक्त भाषा  संस्कृत को आज विश्व संस्कृत दिवस के अवसर पर भारतीय विद्या मंदिर ऊधम सिंह नगर में आज बहुत उत्साह से मनाया गया। भारतीय विद्या मंदिर के सभी विद्यालयों में संस्कृत भाषा पूरे सम्मान के साथ पढ़ाई जाती है। विद्यार्थियों का इस भाषा के प्रति प्रेम आज उनके द्वारा गाए गए संस्कृत गीत से दृष्टिगोचर हुआ। गीत के बोल थे.... मनसा सततं स्मरणीयं, वचसा सततं वंदनीयं, लोकहित मम करणीयं अर्थात हमें अपने हित की अपेक्षा देश हित को सर्वोपरि मानना चाहिए। विद्यार्थियों ने सुंदर ढंग से श्लोक,मंत्र और सूक्ति लेखन के द्वारा भाषा पर अपनी पकड़ को दर्शाया। प्रधानाचार्या रंजू मंगल ने विद्यार्थियों द्वारा गाए मधुर गीत की प्रशंसा करते हुए इस देव भाषा संस्कृत को मनुष्य के संपूर्ण विकास की कुंजी बताते हुए छात्रों को मानसिक बल के लिए इस भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया।